रामघाट पर कीचड़ कीचड़ : पहले नपे थे कलेक्टर अब मंत्री की मौजूदगी में गिरते पड़ते रहे श्रद्धालु देखें वीडियो

रामघाट के कीचड़ में पहले नपे थे कलेक्टर,  दोहराई गयी घटना लेकिन जवाबदारों की चुप्पी

उज्जैन ब्यूरो मोहित राजे

उज्जैन। मप्र की धार्मिक नगरी उज्जैन में श्रावण मास के अंतिम सोमवार होने की वजह से पुण्य सलिला क्षिप्रा में स्नान करने ओर शाही सवारी के दर्शन करने देशभर से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही । इस दौरान बाबा महाकाल की श्रावण महीने के अंतिम सोमवार को निकली पालकी की सवारी में हज़ारों भक्त प्रशासन की लापरवाही से परेशान हुए। तीन दिन पहले आई बारिश की वजह से सोमवार को रामघाट पर भयंकर कीचड़ जमा…

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उज्जैन खंगार समाज ने किया राष्ट्रीय अध्यक्ष का आत्मीय स्वागत।

 


 उज्जैन ब्यूरो मोहित राजे

उज्जैन क्षत्रिय खंगार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष के उज्जैन आगमन पर समाज जानो ने उनका आत्मीय स्वागत किया।रास्ट्रीयअध्यक्ष ने अपने उदबोधन में समाज को संगठित होकर रहने की बात कही।
रविवार को क्षत्रिय खंगार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश खंगार  (नन्ना)  के अपनी नई कार्यकारिणी गठन के बाद पहली बार उज्जैन आगमन पर स्थानीय नयन दीप गार्डन वेद नगर  पर स्वागत समारोह कार्यक्रम रखा गया जहाँ उज्जैन शहर के अलावा इंदौर ,भोपाल, ग्वालियर, टीकमगढ़ सहितअन्य शहरों से सैकड़ो समाजजन एकत्रित हुए।स्वागत से पूर्व दीप प्रज्वलित कर महाराज खेत सिंह जी  की तस्वीर…

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श्रीराम रियल स्टेट के नाम से धोखाधड़ी करने वाले ग्वालियर का निर्मल और कालापीपल का संजय को उज्जैन पुलिस ने धरा

उज्जैन। श्री राम रियल स्टेट एवं बिजनेस सॉल्यूशन लिमिटेड के नाम से उज्जैन में कार्यालय खोलकर अवैध निवेश योजना संचालित करने के आरोप में ग्वालियर निवासी निर्मल धनेरिया और कालापीपल जिला शाजापुर संजय मेवाड़ा को उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का आरोप है कि दोनों चिटफंड कंपनी का संचालन करते थे। दोनों राजस्थान के प्रतापगढ़ जेल में थे जहां से प्रोडक्शन वारंट पर यहां लाया गया था। 

 

शुक्रवार को पुलिस ग्वालियर निवासी निर्मल धनेरिया और संजय मेवाड़ा निवासी कालापीपल को पूछताछ के लिए लेकर आई। दोनों डेढ़ साल से चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी में ही प्रतापगढ़ जेल में…

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उज्जैन में खूब बिखरे आदिवासी संस्कृति के रंग (मोहित राजे उज्जैन)

उज्जैन ब्यूरो मोहित राजे

उज्जैन 9 अगस्त 1994 में संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा शहर में विश्व।के आदिवासी प्रतिनिधियों का विशाल एवं विश्व का प्रथम अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था जिसमे विश्व भर के आदिवासियों की संस्कृति,भाषा,मूलभूत हक,को सभी ने एक मत से स्वीकार किया था।तभी से आदिवासियों के हक बरकरार है।
विश्व आदिवासी दिवस न केवल मानव
समाज के एक हिस्से की सभ्यता एवं संस्कृति की विशिष्टता का द्योतक है।
बल्कि संरक्षित करने और सम्मान देने के आग्रह का सूचक है,इसलिए 9 अगस्त को विश्व भर में इसे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।

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