शाहपुर : शासन द्वारा दूरदराज एवं निर्धन छात्रों को अपनी शिक्षा पूर्ण करने के लिए छात्रावास की सुविधाएं दी जाती है जिससे कि विद्यार्थी छात्रावास में रहकर अपनी शिक्षा पूर्ण कर सके जिस हेतु प्रत्येक वर्ष छात्रावासों में प्रवेश भी दिया जाता है। परंतु आदिवासी बालक आश्रम छात्रावास धार के अधीक्षक द्वारा गलत जानकारी प्रस्तुत कर 5 विद्यार्थियों का प्रवेश कम करने में लगे हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी बालक आश्रम धार का है जहां पर अधीक्षक सीताराम धुर्वे के द्वारा आश्रम में कुल 10 सीटें रिक्त बताई जा रही है और विकास खंड शिक्षा अधिकारी को 10 सीट रिक्त बताते हुए चयन सूची में भी 10 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। जबकि इस हेतु हमारे द्वारा छानबीन की गई जिसमें जो जानकारी प्राप्त हुई वहां चौंकाने वाली है जिसमें आदिवासी बालक आश्रम धार में कक्षा आठवीं में शिक्षा ग्रहण कर पास हुए विद्यार्थियों की संख्या 13 थी जिसमें से 13 विद्यार्थियों ने स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेकर अन्य स्कूलों में अपना प्रवेश ले लिया जिसके कारण आदिवासी बालक आश्रम छात्रावास में 13 सीटें रिक्त हुई तथा जानकारी मिल रही है की अन्य 2 विद्यार्थियों ने भी आश्रम से स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेकर चले गए। जिसके कारण आदिवासी बालक आश्रम धार में कुल 15 सीटें रिक्त हुई थी परंतु अधीक्षक सीताराम धुर्वे के द्वारा बैठकों में एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पास जो चयनित सूची भेजी गई है उसमें मात्र 10 सीटें ही रिक्त बताई गई है और 10 विद्यार्थियों को प्रवेश भी दिया गया है। सवाल यह उठता है कि अधीक्षक द्वारा 10 सीटें रिक्त बताई गई है तो जोक 5 सीटें बच रही है उन पर 5 बच्चों के भविष्य के साथ अधीक्षक द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के 5 बच्चे आदिवासी बालक आश्रम छात्रावास में प्रवेश लेने से वंचित हो रहे हैं जबकि प्रवेश लेने के लिए करीब 80 लगभग आवेदन प्राप्त हुए थे परंतु 10 विद्यार्थियों का चयन करके अधीक्षक द्वारा 5 सीटों पर शासन प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है। 5 सीटों पर गुमराह करने की वजह तो अधीक्षक ही बता पाएंगे।